100+heart touching
2 line shayari
in hindi for love
*दिल तो था ही नही मेरे पास.......*
*जो टूटा वो तो भरोसा था....*
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इस ग़म का कोई हल तलाश करो
यार कोई तो महल तलाश करो
उजड़ चुके हैं नफ़रत के बाज़ार में
कोई तो प्यार का पल तलाश करो
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इस शहर का हर बन्दा बेपारी हैं
मोहब्बत जिसे कहते हैं धोका हैं मक्कारी हैं
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पता नहीं सच है या इत्तेफाक, अच्छे लोगों के हिस्से में अक्सर घटिया लोग ही आते हैं...
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धुआँ बन के मिल जाओ हवाओं में तुम,
साँस लेकर तुम्हें दिल में उतार लेंगे हम..❣
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पूरी क़ायनात में
"एक क़ातिल बीमारी" की हवा हो गई ,,
वक़्त ने कैसा सितम ढा़या कि "दूरियाँ" ही ''दवा'' हो गई !!
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मेरी यादों की कश्ती उस समुन्दर में तैरती है...!
जहां पानी सिर्फ और सिर्फ मेरी आंखो का होता है....
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ज़िन्दगी में हर तूफान नुकसान करने ही नहीं आता,
कुछ तुफान रास्ता साफ करने भी आते हैं...।।
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मैं तुम्हें लिखते लिखते इतना लीन हो जाता हूं,
आखों को बंद कर, आसुंओं में भीग जाता हूं...
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जो बना था वायरस हेतु...
कहाँ गया वो "आरोग्य सेतु"
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दिल समुद्र जैसा रखना,
नदियां ख़ुद ही मिलने आयेंगी।
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मेरी माँ उसका हाथ पकड़ के अपने घर ले आयेगी..
बस एक बार बोल दूँ वो लड़की मुझको प्यारी लगती है
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दिखाकर हुस्न का जलवा सितम आबाद कर डाला....!
हसीनो ने जिसे चाहा उसे..बर्बाद कर डाला!!! 😊
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हम बचाते रह गए दीमक से अपना घर मगर
कुर्सियों के चन्द कीड़े मुल्क सारा खा गए
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वो क़रीब बहुत है,
मगर दूरियों के साथ…
हम दोनों जी तो रहे हैं।
मगर मजबूरियों के साथ !
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कुछ पाक मोहब्बते उस वक़्त आखिरी सांसे गिन रही होती हैं....
जब घरवाले उनसे पूछते है
" वो या हम "?
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लाखों दिल टूटे होंगे इस बात पर...
तुम्हारी जात अलग है मेरे घर वाले नहीं मानेंगे !!!
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सोच समझकर फ़ैसला लेना "जान" कहने का...
तय है "जान" का एक रोज बिना कहे निकल जाना....!!
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आँखों में है नींद बड़ी
पर सोने का वक्त नहीं
दिल है ग़मों से भरा हुआ
पर रोने का वक्त नहीं
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जरा सी जगह छोड देना अपनी नींदों में
क्योकि आज रात तेरे ख्बाबो मै मेरा ही बसेरा होगा
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कभी हो मुखातिब तो कहूँ क्या मर्ज़ है मेरा,
अब तुम दूर से पूछोगे तो ख़ैरियत ही कहेंगे ।।
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लॉक डाउन कर्फ्यू और धारा 144 कहाँ जानती है
तुम्हारी यादें कोई भी सरकारी आदेश कहाँ मानती है
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कभी तलाशों 'अहमद' को ख़ुद में,
हर जगह ढूंढोगे तो सिर्फ़ भटकोगे ही !
गहरा इतना हो कि 'अहमद' पूरा डूब जाए,
फ़क़त पैर गीले करने से परहेज है मुझे !
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ए सुनो तुम इतने भी अच्छे नही हो..
बस मेरे चाहत -ए-दिल ने सिर पर चढा रखा है.
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अच्छा हुआ के आप मिल गए हमको
हम तो भूल चुके थे के जीना भी है अभी ।।
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हवा चुरा ले गयी मेरी शायरी की
किताब
देखो आसमां पढ़ के रो रहा है
बेहिसाब आज..🥺
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सच कहने का अगर शौक है
तो
तन्हा चलने का भी हौसला रखना..!!
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कोई नही उसके जैसा इस जमाने में।
और चाहत नही हमे की उसके शिवा कोई चाहे हमे।।
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इश्क में फना होने का अब दस्तूर कहां.....
मुसाफिर सा इश्क है आज यहां तो कल वहां......!!
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हम गांव वालों से इतनी मोहब्बत ना करना,
हमारी मंगनी बचपन में ही हो जाती है !!
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एक बेहतरीन जिन्दगी जीने के लिए,
यह स्वीकार कर ना भी जरूरी है कि.
सब कुछ सब को नहीं मिल सकता...
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आम से इंसान को बेहद खास बना जाएगी ...
मेरी मोहब्बत आपको शायर बना जाएगी !!!
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'अहमद' बात करे तो मिले उन्हें दिल-ए-सुकूं,
ग़र वो करें तो मेरे ज़ख़्मों को हवा लगती है !
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दिया था कभी गुलाब 'अहमद' भी किसी गुलाब को,
पर दौलत की चाह में वो गुल-ए-ग़ैर खिल गया !
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घायल तो यहाँ हर एक
परिंदा है ,
मगर जो फिर से उड़ सका
वहीं ज़िन्दा है...
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लफ्ज़...अल्फ़ाज़...कागज..
या किताब...,
कहां कहां रखे हम...
यादों का हिसाब...।।।
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*किसी की चंद गलती पर न कीजिये कोई फैसला ,*
*बेशक कमियां होगी,पर खूबियां भी तो होगी !*
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रिश्तों में झुकना कोई अजीब बात नहीं,
सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए।
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कुछ रिश्ते कर्ज़ की तरह होते हैं...
उन्हें निभाना नहीं, चुकाना पड़ता है....!!
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हमेशा खुश रहो,आपके होंठो की हसी हमें जिन्दा रहने की वजह देती है.
इंतजार इश्क़ की
सबसे ख़ूबसूरत सजा है..!
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सारे ज़माने को मेरे अल्फ़ाज़ समझ आते हैं,
तुम बताओ,
तुम किस दौर के ज़ाहिल हो...
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आप जिस पर आँख बंद करके भरोसा करते हैं, अक्सर वही आप की आँखें खोल जाता है.
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शहर के शहर बंद हैं, हर गली में नाकाबंदी है...
तुम पता नहीं किन रस्तों से चले आते हो ख़्यालों में...!!
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इतने प्यार से मेरी तरफ ना देखो
व्रत चल रहे हैं पाप लग जाएगा ।
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आज पास हूँ तो क़दर नहीं है तुमको,,,
यक़ीन करो टूट जाओगे तुम मेरे चले जाने से..!
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तुझे पाने का ख्वाब, ख्वाब ही ना रह जाए
तू मुकद्दर मे है तो कमबख्त नसीब ही हो जाए.....
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मोहब्बत छिपाने की अदा,यूँ बेकार हो गयी...
जुबां तो रही बस में, आँखें गद्दार हो गई...!!
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रहे ना कुछ मलाल पूरी
शिद्दत से कर,
नफ़रत भी कर तो
मोहब्बत से कर!!
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मोहब्बत ना सही... मुकदमा ही कर दे मुझ पर,
कम से कम तारीख दर तारीख.. मुलाकात तो होगी
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हिन्दू हो या मुस्लमान नवरात्र हो या रमजान ....सब मिलकर दुआ करों ....खाली रहें देश के श्मशान और कब्रिस्तान ।।।।
🙏🙏🙏🙏
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वो दिखा रही थी ज़िंदगी से उसकी लड़ाई.....
लोगों ने तमाशा समझा औऱ ताली बजा दी.....
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ख़त्म कर दी थी ज़िन्दगी की हर ख़ुशियाँ तुम पर...
कभी फ़ुर्सत मिले तो सोचना मोहब्बत किसने की थी.....!!
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मुलाकातों में ज़रा सा फासला रखिये जनाब
लोग कहते है बेताबियों में इश्क़ खूबसूरत होता है❣
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मशगूल था सारा शहर दिवाली मनाने में...
मैंने वीराने में जाकर उसके सारे खत जला डाले....!!
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वो इश्क़ मे शायद हमारा
इम्तिहान ले रहे है,
लेकिन उन्हे क्या मालूम
वो हमारी जान ले रहे है।
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बस एक बार दे दे आने का वादा........
फिर चाहे उम्र भर इंतजार दे दे.......
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आहिस्ता चल ए जिंदगी कई कर्ज चुकाना बाकी है,
कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है।।
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मन अज्ञात अज्ञात मन:
महफूज सारे बादशाह
वजीर और शहजादे है....
जो बेघर है तूफां मे
वो महज प्यादे है....!!!
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उसकी आंखे इतनी गहरी थी की,
तैरना तो आता था मगर डूब जाना अच्छा लगा..!
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यारियाँ ही रह जाती हैं मुनाफ़ा बन कर
वरना मोहब्बत के सौदे में नुक़सान बहुत हैं।
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उसके पास हजारों में मुझ जैसे..!
एक मुझे ही उस जैसा कोई नहीं लगता..!!
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ख़ूबसूरत होना अहम नहीं,
किसी के लिए अहम होना ख़ूबसूरत है .. !!
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❤ दिल भी बदल गया है
बदलती रातों की तरह
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लोग जिस तरह पहले थे
अब वैसे नही रहे.....
❤💔
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सजदे कीजिए या मांगिए दुआएँ
जो आप का है ही नही,
वो आपका होगा भी नही !
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एक मुद्दत के बाद हमने ये जाना खुदा
इश्क़ तेरी ज़ात से सच्चा है , बाकी सब अफसाने है
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छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर,
ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं।
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तेरी बस्ती में जिधर से गुज़रे
हाए क्या लोग नज़र से गुज़रे
कितनी यादों ने हमें थाम लिया
हम जो इस राहगुज़र से गुज़रे
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किरदार कुछ ऐसा कर दिया उसने मेरा...
😭रोता है दिल और 😄हंसता है चेहरा ।
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लिख के कुछ हलका महसूस करता है 'अहमद' खुद को,
वरना आसान नही होता अहसासों को लफ़्ज़ों में बयाँ करना !
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*★कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अलफाज मेरे.★*
*★मतलब मोहबत में बर्बाद ओर भी हुए हैं.★*
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ख़ामोंशियाँ लबों की दिखाई देती है सभी को,,
मगर,श़ोर तेरे सिवा कोई नहीं सुनता कान्हा .....
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मियां वो दिन गए अब ये हिमाक़त कौन करता हैं
वो क्या कहते हैं उसको हा मोहब्बत कौन करता हैं
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वाकिये तो अनगिनत है जिंदगी के,
समझ नहीं आता कि किताब लिखू या हिसाब लिखूँ
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स्त्री कभी हारती नहीं उसे हराया जाता है
समाज क्या कहेगा
ये कहकर उसे डराया जाता है___!!
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मोहब्बत मोहब्बत जवानी जवानी
दिलों का फ़साना सब की एक कहानी
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वो दिल में उतरे भी तो कैसे
जिन्हें हम काग़ज़ पर लिखते हैं
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अकेले तुम ही उम्दा शायर नहीं हो 'इरफ़ान'
कहते हैं पिछले ज़माने में कोई 'ग़ालिब'भी था
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साहिब-ए-इरफ़ान 'ग़ालिब' से शिकायत ये करें
क्यूँ ग़ज़ल बे-नाम तेरे नाम से जोड़ी गई
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सूकुन मिलता है दो घड़ी शायरी कर के,
वर्ना सिर्फ बातो से जिंदगी कहां बसर होती है !
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तेरे होंठों की इज्ज़त का ख्याल आता है पगली
वर्ना फ़ूलों को तो हम सरे आम चुम लेते है
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नसीब का खेल भी अजीब तरह से खेला हमने
जो न था नसीब में उसी को टूट कर चाह बैठे
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आँखों से भी लिखी जाती हैं कुछ दास्ताँ...
हर कहानी को क़लम की ज़रूरत नहीं होती.....!!
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चोरी चोरी दिल तेरा चुराएंगे,
जब आएगी मुझे पुलिस पकड़ने,,
तो हम कंटेनमेंट जोन में छुप जायेंगे।।
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हर साँस में मेरी तू ऐसे धड़कता है....
मुझमें मैं कुछ कम तू ज़्यादा सा लगता है....!!
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भूल शायद बहुत बड़ी
कर ली
दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली..🥺
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बददुआ देंगे तुम्हें तो ख़ुद ही मर जायेंगे,
दुआ देंगे कि तुम्हें याद ना आये 'अहमद' की !
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आज का दिन भी अजीब था ,
ना जाने क्या बात थी ,
हर बात पर रोना आया 😭
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*उसके साथ रहूँ*
*या फिर उससे किनारा कर लूँ*
*जरा ठहर जा ऐ दिल*
*ये फैसला मैं दोबारा कर लूँ___!!*
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ठोकरों से सीखी है.... मैंने बातें सच्ची,
दिखावे की यारियों से... दूरियां अच्छी !!
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कागज़ पर तो अदालते चलती हैं...
पर हमने तो तेरी निगाहों के फैसले भी मंजूर किए हैं...!
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“उसका इश्क चाँद जैसा था,
पुरा हुआ...तो घटने लगा।”
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शिद्दत से याद किया तो हिचकी आई
पानी ना दिया किसीं ने तो मेरी याद आई
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तुमसे नहीं होगा तुम रहने दो
ये वफ़ा हैं कोई इम्तिहान नहीं हैं
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में कैसे समझाऊं तुम्हे
अपनी चाहत का इशारा...
अब धड़कनें भी तुम्हारी हो गई
और दिल भी तुम्हारा..
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माथे पर लहू है और बालों पर रेत
आज उसने फूल मारा है गमले समेत
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जो हारते हैं अपनी पहली मोहब्बत
दूसरे इश्क़ मे वो कमाल करते हैं
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पिता खुश नहीं हैं बेटी की ऊंची उड़ान से
वह फिक्रमंद है कि आकाश में बाज बहुत है
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बुरा हाल कर दिया है लॉक डाउन ने
तुमसे मिल नहीं सकते और तुम्हारा ख्याल पीछा नहीं छोड़ता❣
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