बस तुम


नजर बचा कर नज़र से देखता हूँ
तुम बुरा ना मान जाओ इसलिए देखता हूं
जब भी देखता हूँ तुम नई सी लगती हो
इसलिए रोज़ फिर से देखता हूँ
मैं तुम्हारे चेहरे की किताब पढ़ता हूं
शायद तुम सोचती हो में तुम्हे गलत नज़र से देखता हूँ

टिप्पणियाँ