वो जो जगहा जगहा मेरी बदमानी करता हैं
वो फ़रेबी हैं धोखेबाज़ हैं सब झूठ बताता हैं
कितनो को बदनाम करेगा तू अंगार लगाएगा
तू कितना बड़ा झूठा हैं ये सामने आएगा
तूने बहोत बदनाम किया हैं मुझे
जा तू भी बदनाम किया जाएगा
जा तू भी बदनाम किया जाएगा
कितनो को तूने बदनाम किया
मेरी तरहा उनके साथ भी किया
दिल में तेरे कोई खौफ़ नहीं हैं
तूने सब को कितना रुलाया
तू बेशर्म है तुझे शर्म नही आएगी
तू अपनी हरकतों से कब बाज आएगा
तू कितना बड़ा झूठा हैं ये सामने आएगा
तूने बहोत बदनाम किया हैं मुझे
जा तू भी बदनाम किया जाएगा
जा तू भी बदनाम किया जाएगा
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जिस तरह पैदा हुए उस से जुदा पैदा करो
ख़ुद को अपनी ख़ाक से बिल्कुल नया पैदा करो
शहर के इन आइना-ख़ानों में फिरना है फ़ुज़ूल
चाहिए चेहरा तो अपना आइना पैदा करो
यार सज्दों का भी कुछ मेआ'र होना चाहिए
पहले जा कर ढंग का कोई ख़ुदा पैदा करो
इस हुजूम-ए-शहर में उस तक पहुँचना है मुहाल
अब तो अंदर ही से कोई रास्ता पैदा करो
ताकि इक घर में रहे तो दूसरा महफ़िल में हो
'इरफ़ान अलाउद्दीन' अपने जैसा दूसरा पैदा करो
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ये सोच के दिल मेरा जोरो से धड़कता हैं
किसी और के छत पर क्यू मेरा चाँद चमकता हैं
हम डूब गए जानाँ आँखों के पानी में
जाने वो कैसे लोग थे जिनको किनारा मिला....
तुम मेरे हो इस बात में कोई शक नहीं,
पर तुम किसी और के नहीं होगे ‘
बस इस बात का यकीन दिला दो।।........
सोच रहा हूं दिल पर भी गोरिल्ला ग्लास लगवा लूं
अगर टूटेगा तो ग्लास टूटेगा दिल नहीं
उम्र भर सूखे पत्तों की तरह बिखरे थे हम
मुद्दत्तो बाद किसी ने समेटा भी तो जलाने के लिए..
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