दीवाना बना देगी वो मुझको इक़रार से इनकार कर के

दीवाना बना देगी वो 


दीवाना बना देगी वो मुझको 
इक़रार से इनकार कर के 

ज़ी करता हैं फूलों को हटा दु
काटो को मैं सीने से लगा लू

मैंने तो रेत पर बस तेरा नाम 
लिखा था लहरों ने मिटा दिया
उसे आते आते 

इस शहर में खरीददार बहोत 
नहीं हैं मुझसे मिल जाये वो
किरदार नहीं हैं

रुस्वाई के तोहफ़े से नवाजा 
गया हैं मुझको यहाँ 
हर शख्श यहाँ पर बेईमान हैं

मासूम लग रहे हैं जिन्हें वो 
उनके लफ़्ज़ों के तीर सहे वो 

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