मुझे उस लड़के ने छेड़ा था,
तुम लड़कों में रहती ही क्यों हो..?
मुझे वहाँ लोग गलत नज़र से देखते हैं,
तुम वहाँ जाती ही क्यों हो..?
मैं वहाँ आपके साथ गई थी तब भी उसने मुझे देखा,
तुम नजरअंदाज क्यों नही करती हो..?
मैं तो नज़रे झुकाई थी,
फिर भी उसने मुझे घूरा..!
ये बाल पीछे रखा करो ना,
मेरे स्कूल के टीचर सही नहीं हैं ।
पढ़ने की जरूरत क्या है घर बैठो..!
वो डॉक्टर गलत नियत से छूते हैं,
कोई बीमारी नहीं है इलाज़ बंद करो ।
दर्जी नाप सही से नहीं लेता है,
पतली हो जाओ ना शरीर ही ऐसा है ।
सोशल मीडिया पर कोई लड़कियों,
की इज्जत नहीं करता है ।
लडकियो को जरूरत ही क्या है..?
ये सब चलाने की..!
मंदिर में कुछ लोग पूजा करने नहीं,
लड़कियों को ताकने ही आते है ।
घर पर भी वही भगवान है तो,
घर पर पूजा नहीं कर सकती क्या..?
मेरे पति मेरा सम्मान नहीं करते,
कम बोला करो उनके सामने ।
एक मांस का टुकड़ा हूं मैं जिसे,
लोगो ने स्त्री का नाम दिया है ।
और मेरे साथ भी गलत हुआ है
क्या करू मैं ? कहा गलत हूँ मैं ?
हर बात का गलत जवाब देने वालों,
तुम्हारे लिए एक सही सवाल हूँ मैं ।
मिल जाए जवाब तो दे देना,
वरना आगे से अब तुम गलत को,
सही ना कर सको तो बस चुप रहना ।
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